हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा के साथ उनके पसंदीदा प्रसादों का भोग अर्पित किया जाता है। इसी तरह, हनुमान जी को भी प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष प्रकार के भोग अर्पित किए जाते हैं। आइए जानते हैं बजरंगबली को अर्पित किए जाने वाले भोग और उनसे मिलने वाले लाभ के बारे में। हमारे देश में हनुमान जी की पूजा विभिन्न तरीकों से की जाती है।
यदि कोई व्यक्ति किसी संकट में होता है, तो वह हनुमान जी के नाम का स्मरण करता है। मान्यता है कि यदि किसी को बड़े संकट से मुक्ति चाहिए, तो वह हनुमान जी की पूजा अर्चना के साथ कुछ विशेष चीजों को भोग अर्पित करता है। इससे हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के कष्टों का निवारण करते हैं।
Hanuman Ji Bhog

गुड़ चने का प्रसाद
हनुमान जी की पूजा में अक्सर गुड़ चने का प्रसाद चढ़ाया जाता है। यह मंगल का उपाय भी माना जाता है। हनुमान जी को गुड़ चने का प्रसाद अर्पित करने से मंगल दोष से मुक्ति मिलती है। हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी को गुड़ चने का भोग लगाने से जीवन की तमाम परेशानियां दूर होती हैं और साथ ही खुशियों का संचार होता है।
नारियल
हिंदू धर्म में पूजा के दौरान बहुत से देवी-देवताओं को नारियल अर्पित किया जाता है, लेकिन हर देवता को नारियल अर्पित करने का तरीका अलग होता है। कुछ देवताओं के सामने साबुत नारियल अर्पित किया जाता है, जबकि कुछ के सामने नारियल को फोड़ दिया जाता है। हनुमान जी के सामने नारियल चढ़ाने से पहले उस पर सिंदूर लगाकर कलावा बांधें और फिर उसे हनुमान जी को अर्पित करें। ऐसा करने से व्यक्ति को आर्थिक तंगी और दरिद्रता से छुटकारा मिलता है।
पान का बीड़ा
यदि आपके जीवन में कोई घोर संकट है या कोई कठिन काम है, जो आपके नियंत्रण से बाहर है, तो आप वह काम पान के बीड़े के साथ हनुमान जी को अर्पित कर सकते हैं। इसके लिए, मंगलवार को किसी मंदिर में हनुमान जी की पूजा के बाद पान का बीड़ा अर्पित करें। मान्यता है कि इससे बिगड़े काम भी बन जाते हैं।
इमरती
हनुमान जी को इमरती बहुत प्रिय है। यदि कोई व्यक्ति मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा के बाद इमरती का भोग अर्पित करता है, तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
केसर भात
हनुमान जी को केसर भात बहुत प्रिय है। यदि आप हनुमान जी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो आप मंगलवार के दिन हनुमान जी को केसर भात का भोग अर्पित कर सकते हैं। मंगल की शांति के लिए उज्जैन में मंगलनाथ पर केसर भात चढ़ाने की परंपरा भी निभाई जाती है।