हनुमान शाबर मंत्र एक प्रकार का तांत्रिक मंत्र है, जिसे हनुमान जी की कृपा और शक्ति प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह मंत्र प्राचीन काल से ही प्रभावी माना जाता है और इसे अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है। शाबर मंत्रों का निर्माण गुरु गोरखनाथ और उनके शिष्य मछिंद्रनाथ ने किया था। इस मंत्र की खासियत यह है कि यह सरल और सीधे शब्दों में होता है, जिससे किसी भी सामान्य व्यक्ति को इसे सीखने और जाप करने में आसानी होती है।
हनुमान जी को संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है, जिसका मतलब है कि वे अपने सभी भक्तों के जीवन के सभी दुःख, दर्द और पीड़ा को हर लेते हैं और उनके जीवन को सुख, समृद्धि और पारिवारिक प्रेम से भर देते हैं। आमतौर पर भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं ताकि वे हनुमान जी को प्रसन्न कर सकें, लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे हनुमान शाबर मंत्र बताएंगे, जो हनुमान जी को अत्यधिक प्रसन्न करेंगे और आपकी मनोकामना जल्दी पूरी करेंगे।
हमारे ज्योतिषाचार्य आदित्य का कहना है कि हनुमान जी का यह शाबर मंत्र इतना शक्तिशाली है कि आपको किसी और पूजा-पाठ की आवश्यकता नहीं है। इन मंत्रों का जाप करने से सभी लाभ एक साथ मिल जाते हैं। तो आप खुद सोचिए, यह कितना शक्तिशाली हो सकता है।
नीचे मैंने सभी हनुमान शाबर मंत्रों की सूची दी है। तो बिना समय गवाए, आइए इन्हें पढ़ना शुरू करें।

10 हनुमान शाबर मंत्र: जीवन में सफलता और मनचाही इच्छा पूर्ण करने के लिए
गोरखनाथ जी के बनाये हुए 10 शाबर मंत्र हैं:
पहला साबर मंत्र:
ॐ नमो बजर का कोठा, जिस पर पिंड हमारा पेठा।
ईश्वर कुंजी ब्रह्म का ताला, हमारे आठो आमों का जती हनुमंत रखवाला।
अर्थ: इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति को शक्ति मिलती है और उसकी रक्षा करता है।
दूसरा साबर मंत्र:
ॐ पीर बजरंगी, राम-लखन के संगी,
जहां-जहां जाय, विजय के डंके बजाय।
दुहाई माता अंजनी की आन।
अर्थ: इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति के जीवन में समस्याओं का समाधान होता है और विजय प्राप्त होती है.
तीसरा साबर मंत्र:
ॐ नमो गुरुजी को आदेश, गुरुजी को प्रणाम,
धरती माता धरती पिता, धरती धरे न धीर।
बाजे श्रृंगी बाजे तुरतुरी, आया गोरखनाथ वीर।
मीन का पूत, मूंज का छड़ा, लोहे का कड़ा।
हमारी पीठ, यह श्री हनुमान रक्षा शाबर मंत्र का एक हिस्सा है।
यह एक स्वयं सिद्ध मंत्र है।
अर्थ: इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति को गुरुदेव की कृपा मिलती है और वह अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है.
चौथा साबर मंत्र:
ॐ नमो आदेश गुरु को,
सोने का कड़ा, तांबे का कड़ा,
हनुमान वन्गारेय सजे मोंढे आन खड़ा।
अर्थ: इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति को धन की प्राप्ति होती है और उसकी सुरक्षा होती है.
पाँचवां साबर मंत्र:
राम राम बोलते रहो,
बजरंग बलि को ताकते रहो।
जो मन में है, वो मांगते रहो,
संकट हरण, मंगल करण।
जय बजरंग बली।।
अर्थ: इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति को शक्ति मिलती है और वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है.
छठा साबर मंत्र:
ॐ हनुमान पहलवान पहलवान, बरस बारह का जबान।
हाथ में लड्डू, मुख में पान, खेल खेल गढ़ लंका के चौगान।
अंजनी का पूत, राम का दूत, छिन में कीलौनौ खंड का भूत।
जाग जाग हड़मान (हनुमान) हुंकाला, ताती लोहा लंकाला।
शीश जटाडग डेरू उमर गाजे, वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला।
आगे अर्जुन, पीछे भीम, चोर नार चंपे ने सींण।
अजरा झरे भरया भरे, ई घट पिंड की रक्षा।
राजा रामचंद्र जी, लक्ष्मण कुंवर, हड़मान (हनुमान) करें।
अर्थ: इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति को वीरता मिलती है और उसका मनोबल बढ़ता है.
सातवां साबर मंत्र:
हनुमान गुसाईं क्रिपा करहुं जन आज।
संकट कटे मिटे सब पीरा,
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।
अर्थ: इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति को हनुमानजी की कृपा मिलती है और उसकी समस्याओं का निवारण होता है.
आठवां साबर मंत्र:
बिस्तर के आस-पास, हवेली के आस-पास,
छप्पन सौ यादव।
लंका-सी कोट, समुद्र-सी खाई,
राजा रामचंद्र की दुहाई।
अर्थ: इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति को सुरक्षा मिलती है और उसके घर में सुख-शांति बानी रहती है.
नौवां साबर मंत्र:
हनुमान जाग, किलकारी मार।
तू हुंकारे, राम काज सँवारे।
ओढ़ सिंदूर सीता मैया का, तू प्रहरी राम द्वारे।
मैं बुलाऊँ, तू अब आ, राम गीत तू गाता आ।
नहीं आये तो हनुमाना, श्री राम जी और सीता मैया की दुहाई।
शब्द साँचा, पिंड कांचा, फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा।
अर्थ: इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति को समस्याओं से निपटने की शक्ति मिलती है और वह विजय प्राप्त करता है.
दसवां साबर मंत्र:
ॐ नमो नमो हनुमते, भयभन्जनाय।
सर्वसंकटे विनाशाय, सर्वकार्य सिद्धिं कुरु कुरु स्वाहा।
अर्थ: इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति को भय से मुक्ति मिलती है और उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती है.
पावरफुल पंचमुखी हनुमान जी के मंत्र:
पंचमुखी स्वरुप भी हनुमान जी का ही एक स्वरुप है अगर आप उन्हें खुश करना चाहते है तो निचे दिए हुए उनके मंत्रो का जाप कीजिए।
शत्रु नाशक पंचमुख हनुमान मंत्र:
ॐ पूर्व कपि मुखाय पंचमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु संहारणाय स्वाहा
तेज रूप पंचमुखी हनुमान मंत्र:
ॐ दक्षिणमुखाय पञ्चमुखिहनुमते करालवदनाय नरसिंहाय।
ह्रां, ह्रां, ह्रां, ह्रां, ह्रां सकलभूतप्रेतदमनाय स्वाहा ।
राम बाण शाबर मंत्र:
उत्तर बांधों, दक्षिण बांधों, बांधों मरी मसानी,
नजर-गुजर देह बांधों रामदुहाई फेरों शब्द शाचा,
पिंड काचा फुरो मंत्र ईश्वरों बाचा।
हनुमान शाबर मंत्र के लाभ:
हनुमान शाबर मंत्र के कई लाभ होते हैं, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण लाभ निम्नलिखित हैं:
- भक्ति और शक्ति में वृद्धि: इस मंत्र के जाप से व्यक्ति की भक्ति और शक्ति दोनों में वृद्धि होती है।
- संकटों से मुक्ति: हनुमान शाबर मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को अपने जीवन के सभी संकटों से छुटकारा मिलता है और उसकी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
- निडरता का आना: इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति निडर बनता है, उसका आत्मविश्वास बढ़ता है और उसे नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
- सफलता प्राप्ति: हनुमान शाबर मंत्र के जाप से व्यक्ति को विजय प्राप्त होती है और उसके सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
- आत्मविश्वास का बढ़ना: इस मंत्र के जाप से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है, जिससे वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाता है।
- मानसिक शांति: मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति मिलती है और व्यक्ति का मन शांत रहता है।
- रोगों से मुक्ति: इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रोगों से छुटकारा मिलता है।
- कष्टों का नाश: यह मंत्र जीवन में आने वाले सभी प्रकार के कष्टों को दूर करने में सहायक होता है।
- मंगलकारी जीवन: हनुमान शाबर मंत्र के जाप से जीवन में समृद्धि, सुख, और कल्याण आता है।
- आध्यात्मिक विकास: इस मंत्र का जाप व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है, जिससे जीवन में सार्थकता आती है।
हनुमान शाबर मंत्र इतना क्यों प्रचलित है?
यह मंत्र इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि इसे एक तांत्रिक मंत्र माना जाता है, जो हनुमान जी से मनचाही इच्छा की पूर्ति करवाता है। यह मंत्र धर्म, ज्ञान, सांसारिक कामकाज, मोक्ष, भक्ति, शक्ति, और समर्थता की प्राप्ति में मदद करता है।
हनुमान शाबर मंत्र का अनुष्ठान कब से शुरू करना चाहिए?
इन मंत्रों का अनुष्ठान शुक्रवार को शुरू करना चाहिए और इसका समापन मंगलवार को करना चाहिए। जब यह अनुष्ठान पूर्ण हो जाए, तो उपयोग की गई माला को गहरे गड्ढे में गाड़ देना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से आपकी मनोकामना जल्दी पूरी होती है।
हनुमान शाबर मंत्र करते समय सावधानियां:
- शुद्धता: मंत्र जाप के समय मन को शुद्ध और निष्कलंक रखें।
- ध्यान: मंत्र का उच्चारण करते समय पूरा ध्यान केंद्रित रखें।
- स्थिरता: शरीर को स्थिर रखें और चंचलता से बचें।
- सामर्थ्य: मंत्र को सामर्थ्य से और थोड़ी ऊंची आवाज में बोलें।
- स्मरण: मंत्र का सही उच्चारण करें, क्योंकि गलत उच्चारण से परिणाम नहीं मिलता।
- समय: सही समय और स्थान पर ही मंत्र जाप करें।
- संज्ञान: मंत्र जाप के समय वातावरण की शांति का ध्यान रखें।
- नियमितता: मंत्र का नियमित जाप करें, चाहे रोजाना हो या निरंतरता से।
- अभ्यास: इसे एक अभ्यास की तरह करें और ध्यान में बने रहें।
- आदर: मंत्र बोलते समय इसे पूजनीय मानें और हनुमान जी की कृपा के लिए आभास करें।
- विश्वास और श्रद्धा: मंत्र जाप में विश्वास और श्रद्धा बहुत महत्वपूर्ण हैं।
- लालच और अहंकार से बचें: यह मंत्र केवल अच्छे कार्यों के लिए उपयोग करें, और अहंकार या लालच से बचें।
सारांश:
हनुमान शाबर मंत्र भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने का एक शक्तिशाली माध्यम है। यह मंत्र प्राचीन काल से ही प्रचलित है और इसकी प्रभावशाली शक्तियों के लिए जाना जाता है।
इसके जाप से भक्तों को भक्ति, शक्ति, संकटों से मुक्ति, निडरता, सफलता, आत्मविश्वास, मानसिक शांति, रोगनिवारण, कष्टों का नाश, मंगलकारी जीवन, और आध्यात्मिक विकास जैसे लाभ मिलते हैं।
हनुमान शाबर मंत्र का जाप करते समय शुद्धता, ध्यान, स्थिरता, विश्वास, और श्रद्धा जैसी सावधानियों का पालन करना आवश्यक है।







