कथा : हनुमान गाथा – Katha Hanuman Gatha

Katha Hanuman Gatha

हम आज पवनसुत हनुमान की कथा सुनाते हैं
पावन कथा सुनाते हैं
वीरों के वीर उस महावीर की गाथा गाते हैं
हम कथा सुनाते हैं
जो रोम-रोम में सिया राम की छवि बासाते हैं
पावन कथा सुनाते हैं
वीरों के वीर उस महावीर की गाथा गाते हैं
हम कथा सुनाते हैं

हे ज्ञानी गुण के निधान जय महाबीर हनुमान-2

पुंजिकस्थला नाम था जिसका
स्वर्ग की थी सुंदरी
वानर राज को जर के जन्मी नाम हुआ अंजनी
कपि राज केसरी ने उससे
ब्याह रचाया था
गिरी नामक संगपर क्या आनंद
मंगल छाया था
राजा केसरी को अंजना का
रूप लुभाया था
देख देख अंजनी को उनका
मन हार्षया था
वैसे तो उनके जीवन में थी
सब खुशहाली
परन्तु गोद अंजनी माता की
संतान से थी खाली
अब सुनो हनुमंत कैसे पवन के पुत्र कहाते हैं
पावन कथा सुनाते हैं

बजरंगबली उस महाबली की
गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं
हे ज्ञानी गुण के निधान जय महाबीर हनुमान…

पुत्र प्राप्ति कारण मां आंजना
तब की थी भारी
मदन मुनि प्रसन्न हुए
अंजना पर अति भारी
बक्तेश्वर भगवान को
जप और तप से प्रशन्न किया
अंजना ने आकाश गंगा का
पावन जल पिया
घोर तपस्या करके
वायु देव को प्रसन्न किया
अंजनी मां को स्पर्श किया
वायु का एक झोंका
पवन देव हो प्रकट उन्हें
फिर पुत्र प्रदान किया
इस कारण बजरंग
पवन देव के पुत्र कहते हैं
बजरंगबली उस महाबली की
गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं

बजरंगबली उस महाबली की
गाथा गाते है हम कथा सुनाते हैं
हे ज्ञानी गुण के निधान जय महाबीर हनुमान…

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